कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…हरिवंश राय बच्चन की ये पंक्तियां हर किसी ज़िंदगी में बख़ूबी फ़िट होती हैं क्योंकि सभी लोग रोज़ एक नई कोशिश के साथ जागते हैं. एक कोशिश कुछ पाने की, कुछ खोने की, कुछ चाहने की तो कुछ हारने की. मगर कोशिश सब करते हैं और पूरी मेहनत लगन के साथ की गई कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती है. जैसे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली दीपा भाटी की नहीं गई. कई बाधाओं का डटकर सामना करते हुए दीपा ने अपनी मंज़िल को पाया और शादी के 18 साल बाद UPSC क्लियर करके दिखाया.
दीपा भाटी की प्रेरणादायक कहानी
दीपा भाटी तीन बच्चों की मां हैं उन्होंने अपनी शादी के 18 साल बाद फिर से किताबों से जुड़ने का मन बनाया. इसमें उनके पति, तीन बच्चों और ससुरालवालों ने पूरी तरह से सपोर्ट किया. दीपा ने किताबें UPSC की तैयारी करने के लिए दोबारा खोली थीं. घर को संभालते हुए अपने सपनों को भी दीपा ने पूरा करने की ठानी और उन्होंने करके दिखाया. दीपा यूपीएससी की तैयारी करने के साथ-साथ एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थीं. प्राइवेट स्कूल के बाद इन्होंने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर भी काम किया. अपनी ज़िम्मदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाती हुई दीपा ने जॉब और UPSC की तैयारी दोनों एक साथ करनी शुरू की. हाालंकि, ये आसान नहीं था मगर दीपा की लगन और परिवार के सपोर्ट ने उनका ख़ूब साथ दिया.
दीपा भाटी इंटरव्यू में बताया
शादी के 18 साल बाद UPSC के बारे में सोचना भी बहुत बड़ी बात थी, लेकिन मैंने इसे पूरा करने की सोची. हालांकि, मुझे परिवार के सपोर्ट के बाद भी काफ़ी ताने सुनने पड़े. लोगों का कहना था कि बुढ़ापे में पढ़ने का शौक़ चढ़ा है अब क्या होगा? मगर मैंने सभी की बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए UPSC की तैयारी जारी रखी और अपने सपनों को पाकर ही दम लिया.आपको बता दें, अभी दीपा गौतमबुद्ध नगर में नहीं, बल्कि नोएडा की एल्डिको ग्रीन मीडोज़ सोसायटी में रहती हैं. इन्होंने UPSC 2021 में 166वीं रैंक हासिल की है. दीपा भाटी ने अपने ऊपर ताने मारने वालों को करारा जवाब दिया है इसलिए किसी की परवाह किये बिना अपने सपनों की उड़ान भरो देखना लोग अपने आप झुकेंगे. कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम कहना.