June 2, 2023

आस्था की डुबकी के साथ खोले गए हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के द्वार

प्रतिष्ठित गोपेश्वर पंच प्यार के मार्गदर्शन में सुबह घांघरिया से यात्रा शुरू हुई और पांच किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट हर्षोल्लास के साथ खुल गए. भक्त बेसब्री से कपाट खुलने का इंतजार कर रहे हैं और उनमें उत्साह का भाव साफ देखा जा सकता है। हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने से श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं. यात्रा सुबह घांघरिया से शुरू हुई, पंच प्यारों के नेतृत्व में, और वे हेमकुंड तक पहुँचने के लिए पाँच किलोमीटर की दूरी तय की। हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भव्यता के साथ खुलेHemkund Sahib Kapat Opening 2023

हेमकुंड सरोवर में लगायी गयी आस्था की डुबकी

जैसे ही हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, भक्तों ने आस्थ के साथ  हेमकुंड सरोवर में पवित्र डुबकी लगाई, गुरुद्वारे में सिर झुकाया और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में प्रार्थना की। सुबह पंच प्यार के नेतृत्व में तीर्थयात्रियों का जत्था घांघरिया गुरुद्वारे से पांच किलोमीटर पैदल चलकर हेमकुंड साहिब पहुंचा श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट उत्सव में 1900 तीर्थयात्री शामिल हुए। हालांकि हेमकुंड क्षेत्र में आठ फीट से अधिक बर्फ जमा होने के कारण वर्तमान में बुजुर्गों और बच्चों को यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती है शनिवार को सुबह 9.30 बजे पंच प्यारों के मार्गदर्शन में सचखंड से दरबार साहिब में श्रद्धापूर्वक गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना की गई। हेमकुंड यात्रा की शुरुआत के साथ सुबह 10 बजे पहली अरदास के साथ तीर्थयात्रियों के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए। हेमकुंड साहिब में मिलाप सिंह और कुलवंत सिंह ने ग्रन्थियों के रूप में धार्मिक कार्यक्रमों का नेतृत्व किया इसके अलावा, यह ध्यान देने योग्य है कि कपाट खुलने के टाइम  में गुरुद्वारा और लक्ष्मण मंदिर को फूलों से सजाया गया है। इस समारोह को पंजाब के सतनाम सिंह और गढ़वाल स्काउट बैंड की उपस्थिति ने और भी आनंदमय बना दिया, जिनके संगीत ने भक्तों को आनंदित कियाChamoli: खुले हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट, श्रद्धालुओं ने सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर टेका माथा

10 बजे खोले लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट

लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलते ही आज सुबह 10 बजे श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया गया। मंदिर के पुजारी खुशाल सिंह चौहान ने बताया कि घांघरिया से भुंदर पुलना तक के ग्रामीणों ने तड़के कार्यक्रम में भाग लिया। आवश्यक अनुष्ठानों के साथ दरवाजे खोले गए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मण जी ने अपने पिछले जीवन के दौरान मंदिर में शेषनाग के रूप में तपस्या की थी हेमकुंड साहिब में लंगर में सुबह से ही प्रसाद वितरण का सिलसिला जारी है और ठंड के मौसम के बावजूद श्रद्धालु आस्था के प्रतीक के रूप में सरोवर में डुबकी लगा रहे हैं. इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, सरदार सेवा सिंह और कई अन्य उपस्थित थे। गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है

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