कहते हैं मजबूरी और बदकिस्मत इंसान से क्या क्या नहीं कराती है। जिस उम्र में बच्चे दोस्तों के साथ मोज़ मस्ती करते हैं उस छोटी उम्र में कुछ बच्चे अपने सर पर अपने परिवार की जिम्मेदारी ले लेते हैं आज हम आपको पहाड़ की ऐसे ही एक बेटी से मिलवा रहे हैं जो अपनी कड़ी मेहनत, लगन के बलबूते कुछ नया और बड़ा करने की राह पर हैं . देवभूमि के देहरादून जिले की रहने वाली समीक्षा बारहवीं कक्षा की इस छात्रा हैं उन्होंने एक स्कूटी पर अपने चाय चस्का चाय का स्टाल शुरू किया है। अपने इस काम को शुरू करने बाद महज एक सप्ताह के भीतर ही समीक्षा प्रतिदिन 1500 रूपए भी कमाने लगी है . साथ ही अब आसपास से गुजरने वाले लोगों के कदम भी उनके चाय की दुकान पर खुद ब खुद रूकने भी लगे है
पिता की बीमारी के बाद शुरू किया “चाय चस्का”
आपको बता दें बारहवीं कक्षा की छात्रा का यह कदम शायद आपको हैरानी भरा लग रहा होगा, परंतु इसके पीछे के कारण जानकर न केवल आपके दिलों में समीक्षा के प्रति सहानुभूति होगी बल्कि उनके इस सराहनीय कदम के लिए आप उसे शाबाशी देने से भी नहीं चूकेंगे आपको बता दें समीक्षा भाई बहन में अपने परिवार में सबसे बड़ी है। उनका एक छोटा भाई है, जो अभी सातवीं कक्षा का छात्र है। समीक्षा के पिता एक बायकार बीमारी का सामना कर रहे हैंउन्हें बैकबोन ट्यूमर है, जिस कारण परिवार की आजिविका चलाने की सारी जिम्मेदारी समीक्षा पर आ गई। और उन्होंने पढाई के साथ साथ चाय चस्का नाम से छोटा चाय का काम शुरू किया

विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं मानी हार
समीक्षा ने विपरीत परिस्थितियों से हार मानने के बजाय ने इसका सामना करते हुए इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने का फैसला लिया। कुछ अलग करने की सोच रखने वाली समीक्षा ने स्कूटी पर ही चाय का स्टाल लगाने का आइडिया अपने पिता को दिया जिस पर उनके पिता ने स्कूटी पर ही एक स्टाल तैयार करवाया। उसके बाद से ही समीक्षा काफी अच्छे से अपनी दुकान चला रही है। समीक्षा ने बताया की वह बारहवीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहती है
