वीरेंद्र सहवाग एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें व्यापक रूप से खेल के इतिहास में सबसे विनाशकारी सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। 20 अक्टूबर 1978 को दिल्ली में जन्मे सहवाग ने 1999 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पदार्पण किया और अपनी पीढ़ी के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक बने।
सहवाग की बल्लेबाजी
सहवाग की बल्लेबाजी की शैली निराली और आक्रामक थी। उन्हें विपक्ष पर हमला करने की क्षमता के लिए जाना जाता था, खासकर खेल के पहले घंटे में। वह एक आक्रामक सलामी बल्लेबाज थे, जो विपक्षी गेंदबाजों को भारी दबाव में डालते हुए तेजी से रन बनाते थे सहवाग ने अपना पहला टेस्ट मैच 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला और 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने तीसरे टेस्ट मैच में शतक बनाया। उन्होंने दो तिहरे शतकों सहित कुल 23 टेस्ट शतक बनाए और सबसे लंबे प्रारूप में 49 से अधिक का औसत बनाया। गेम का
सहवाग की सबसे यादगार टेस्ट पारी 2008 में आई
महज 304 गेंदों पर खेली उनकी पारी में 42 चौके और पांच छक्के शामिल हैं। यह उस समय टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था, और इसने भारत को एक पारी और 6 रन से मैच जीतने में मदद की। सहवाग एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ODI क्रिकेट में भी एक शानदार स्कोरर थे, उन्होंने 251 मैचों में 35.05 की औसत से 8,000 से अधिक रन बनाए। उन्होंने एकदिवसीय प्रारूप में 15 शतक और 38 अर्धशतक बनाए, और उनका उच्चतम स्कोर 219 रन था, जो उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था।
अपने बल्लेबाजी कौशल के अलावा
अपने बल्लेबाजी कौशल के अलावा, सहवाग एक उपयोगी ऑफ स्पिनर भी थे, जिन्होंने 40 टेस्ट विकेट और 96 एकदिवसीय विकेट लिए। उन्हें सटीक ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने और बीच के ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट लेने की क्षमता के लिए जाना जाता था। भारतीय क्रिकेट में सहवाग के योगदान को मान्यता तब मिली जब उन्हें 2010 में प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने 14 साल से अधिक समय तक खेलने के बाद 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।खेल के प्रति उनके निडर और आक्रामक रवैये ने उन्हें प्रशंसकों का पसंदीदा और अब तक के सबसे सफल भारतीय क्रिकेटरों में से एक बना दिया। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उन्हें खेल का एक सच्चा दिग्गज माना जाएगा।