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शुभकामनाओं में सबसे फूलों की जगह मांगी किताबें
आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे विधायक की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने छात्रों की किताबों की समस्या को दूर करने के लिए एक अनोखा उपाय निकाला है।
उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की मदद के लिए पिथौरागढ़ के स्थानीय विधायक मयूख महर ने एक अनूठी पहल की है। आज पूरे उत्तराखंड के लोग उनकी इस पहल की तारीफ कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक जब मयूख मेहर विधायक बने तो उन्होंने बधाई संदेश देने वालों से अपील की कि उन्हें किताब के अलावा कोई उपहार न दिया जाए. उन्हें केवल पुस्तकें भेंट की जानी चाहिए।
विधायक मयूख मेहर की इस पहल से हजारों लोगों को महंगी किताबें मिलीं और विधायक साहब की इस दूरगामी सोच का असर हुआ कि उनके पास हजारों किताबें जमा हो गई हैं।
जिसे उन्होंने जिला पुस्तकालय को भी समर्पित कर दिया है। शहर के अन्य पुस्तकालयों की तरह। इस बीच विधायक के इस अभियान से न सिर्फ किताबों की कमी पूरी हुई।
कई अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिली. पुस्तकालय में पढ़ने आए विद्यार्थियों ने विधायक के अभियान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
फेसबुक पर लिखते हुए विधायक मयूख महर ने लोगों से फूलों या अन्य उपहारों के बदले लोगों के उपयोग में न आने वाली किताबें देने का आग्रह किया। इस प्रकार उन जरूरतमंद बच्चों को किताबें दी जा सकती हैं जिन्हें उनकी इन किताबों की जरूरत है।
उनकी आशा है कि कोई भी बच्चा बिना किताबों के न रहे। पहाड़ के सीमावर्ती जिलों में छात्रों के लिए इतनी सुविधा नहीं है कि वे परीक्षा की तैयारी कर सकें और मैदानी क्षेत्रों की तुलना में किताबें और नेटवर्क इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं है, जिसे देखते हुए विधायक छात्रों की हर संभव मदद कर रहे हैं।
किताबों के अलावा उन्होंने पिथौरागढ़ जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मॉक टेस्ट भी कराए थे. जिससे छात्रों को काफी मदद मिली। पिथौरागढ़ जिले में भी छात्रों ने किताबों के लिए आंदोलन किया है, जो काफी लोकप्रिय भी हुआ था।