उत्तराखंड में जहां उत्तराखंड में बेरोजगारी के कारण लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं, वहीं कई युवा रोजगार की तलाश में शहरों की ओर रुख करते हैं।
वहीं उत्तराखंड के कई युवा ऐसे भी हैं जो धीरे-धीरे स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे युवक की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है।
जी हां… हम बात कर रहे हैं प्रदेश के पिथौरागढ़ जिले के तीन भाइयों की। जिन्होंने चाय का व्यवसाय शुरू किया। आइडिया मशहूर हुआ कि उनकी चाय की डिमांड देश में ही नहीं विदेशों में भी है।
व्यावसायिक शिक्षा लेने के बाद इन तीनों भाइयों ने नौकरी के रास्ते पर चलने के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इन तीनों भाइयों ने पिथौरागढ़ में ही हर्बल चाय का कारोबार शुरू किया।
मिस्टर हब्ज के नाम से इन तीनों भाइयों की चाय की डिमांड देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है. तीनों भाइयों ने मिलकर पहाड़ के उत्पादों से 7 तरह की ग्रीन टी और 3 तरह की कैमोमाइल चाय और मसाला चाय तैयार की है।
मिस्टर हुब्ज चाय बनाने में उन्हीं पहाड़ी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। शंखपुष्पी, हल्दी, त्रिफला, ब्लूबेरी, चक्र फूल, अदरक, जिम्नेमा, तुलसी और सिलवेस्टर जैसी स्थानीय उपज से चाय तैयार की जा रही है।
पूरी तरह प्राकृतिक होने के कारण यह चाय कई बीमारियों की रामबाण है। मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी सुमित, अमित व देवेश जोशी तीनों सगे भाई हैं।
तीनों भाइयों ने एमटेक, आईबीआईबीई और इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की है। स्वरोजगार का रास्ता अपनाकर यहां के युवा न केवल प्राकृतिक संसाधनों से सेहतमंद उत्पाद तैयार कर रहे हैं बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।