उत्तराखंड की युवा बेटियां हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत से हमेशा देश का परचम लहराती रही हैं। आज हम आपको दो ऐसी बहनों के बारे में बता रहे हैं जो देश की सभी बेटियों के लिए मिसाल हैं।
पहले ही पड़ाव में पार किया PCS की परिक्षा
वर्ष 2014 में उत्तराखंड पीसीएस के नतीजे घोषित किए गए थे। तो उत्तराखंड की दो बहनों युक्ता मिश्रा और मुक्ता मिश्रा ने मिलकर पीसीएस की परीक्षा पास की। उस वक्त जुड़वा बहनें सबसे ज्यादा चर्चा में आई थीं।
उसके बाद युक्ता को हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय में परिवहन कर अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया था। दोनों ने पहले ही प्रयास में महिलाओं के बीच शीर्ष दो पदों पर कब्जा कर लिया – राज्य सरकार के अधिकारी बन गए, दोनों क्रमशः परिवहन कर अधिकारी और डाक पर्यवेक्षक के रूप में काम कर रहे थे।
युक्ता और मुक्ता दोनों बहनों को उनके माता-पिता, छोटे और बड़े भाइयों ने पढ़ाई में बहुत सहयोग दिया। दोनों बहनें अपनी सफलता का श्रेय अपनी गाइड करुणा मिश्रा जोशी को देती हैं।
वर्तमान में युक्ता मिश्रा डोईवाला की एसडीएम हैं जबकि मुक्ता मिश्रा कोटद्वार की एसडीएम हैं। आज से 7-8 साल पहले अगर आप किसी कारणवश अल्मोड़ा के डाकघर में गए होंगे तो आपने इन जुड़वां बहनों में से एक को डाकघर में जरूर देखा होगा।
महिला वर्ग में मुक्ता ने प्रदेश में पहला और युक्ता ने दूसरा स्थान हासिल किया था। कुल मिलाकर पीसीएस में मुक्ता मिश्रा ने चौथी और युक्ता मिश्रा ने सातवीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया।
रुद्रप्रयाग में एसडीएम सदर के पद पर तैनात मुक्ता मिश्रा गरीब युवाओं के लिए उम्मीद की किरण भी बनीं. प्रशासनिक व्यस्तता के बावजूद मुक्ता समय निकालकर युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देती हैं।
2018 में वह रुद्रप्रयाग राजकीय इंटर कॉलेज में सुबह आठ से दस बजे तक नियमित कोचिंग क्लास चलाती थी।
उत्तराखंड की रहने वाली बहनें युक्ता मिश्रा और मुक्ता मिश्रा का अल्मोड़ा से भी गहरा नाता है, एक और एक मिलकर ग्यारह बनाते हैं।
आपको बता दें कि दोनों बहनें केंद्रित, अनुशासित, कर्तव्यपरायण, मेधावी हैं। दोनों को प्रकृति से घिरे अल्मोड़ा से विशेष प्रेम है, उन्होंने लगभग छह साल अल्मोड़ा में बिताए। जिन्होंने कड़ी मेहनत के बल पर यह सफलता हासिल की है।