कहते हैं कि मजबूरी और बदकिस्मती इंसान के साथ वो कर ही देती है जो वो नहीं करती। जिस उम्र में कई बच्चे दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते हैं और मस्ती करते हैं, उस छोटी सी उम्र में कुछ बच्चे अपने परिवार की जिम्मेदारी अपने सिर पर ले लेते हैं।
12वी में पढ़ने वाली ने चाय बनाकर उठाया घर का खर्चा
आज हम आपको पहाड़ की एक ऐसी बेटी की कहानी बता रहे हैं जो अपनी मेहनत और लगन से कुछ नया और बड़ा करने की राह पर है। उत्तराखंड के देहरादून जिले की रहने वाली समीक्षा 12वीं कक्षा की छात्रा है।
12वीं पास होने के बाद उन्होंने चीजों को हाथ में लिया और स्कूटी पर चाय चस्का टी स्टॉल के नाम से स्टार्टअप के तौर पर एक दुकान शुरू की। इस काम को शुरू करने के बाद महज एक हफ्ते के अंदर ही समीक्षा 1500 रुपए प्रतिदिन की कमाई करने लगी है।
इसके साथ ही वहां से गुजरने वाले लोगों के कदम भी अब उनकी चाय की दुकान पर अपने आप रुकने लगे हैं। बारहवीं कक्षा की छात्रा द्वारा उठाया गया यह कदम आपको हैरान कर सकता है, लेकिन इसके पीछे की वजह जानकर आपका दिल तो सहम जाएगा।
आप उसके इस सराहनीय कदम की तारीफ करने से भी नहीं चूकेंगे। आपको बता दें कि समीक्षा अपने परिवार में भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उसका एक छोटा भाई है, जो अभी सातवीं कक्षा का छात्र है।
समीक्षा के पिता लाइलाज बीमारी का सामना कर रहे हैं। उसके पिता को रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर है, जिससे परिवार की आजीविका चलाने की पूरी जिम्मेदारी समीक्षा पर आ गई।
अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने चाय चस्का नाम से एक छोटा सा चाय का व्यवसाय शुरू किया। समीक्षा ने विपरीत परिस्थितियों में हार मानने के बजाय इसका सामना करने और इस जिम्मेदारी को निभाने का फैसला किया।
कुछ अलग करने की सोच समीक्षा ने अपने पिता को अपनी स्कूटी पर चाय का स्टॉल लगाने का आइडिया दिया। जिस पर उसके पिता ने स्कूटी पर ही स्टॉल तैयार करवा दिया। तब से समीक्षा अपनी दुकान बहुत अच्छे से चला रही हैं। समीक्षा ने बताया कि वह 12वीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहती हैं।