देवभूमि उत्तराखंड सिर्फ एक औपचारिक नाम नहीं है, बल्कि एक ऐसा दिव्य धाम है, जो अपने आप में कई गुणों को समेटे हुए है। और यहां के मंगल गीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं।
आज उत्तराखंड के कई युवा अलग-अलग नवचों में उत्तराखंड की संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, उनमें से एक नाम नंदा सती का है, जिन्हें उत्तराखंड के लोग अब मंगल कन्या के नाम से जानने लगे हैं। .
आज हम आपको पहाड़ की होनहार बेटी नंदा सती के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंडी लोकगीत मंगल को नया आयाम देकर खुद को आधुनिक युवा पीढ़ी के सामने मिसाल के तौर पर पेश किया है।
देवभूमि की “मंगल कन्या” के नाम से प्रसिद्ध नंदा सती मूल रूप से चमोली जिले की पिंडर घाटी के नारायण बगड़ की रहने वाली हैं। कोरोना काल कई लोगों के लिए दुःस्वप्न का एक ऐसा दौर है ।
कई लोगों ने आपदा में अवसर तलाश कर अपने हुनर को चमका दिया। इन्हीं में से एक नाम है नंदा सती का, जिन्होंने कोरोना काल में घर में रहकर डिजिटल माध्यम, फेसबुक, यूट्यूब आदि के माध्यम से न केवल अपनी परंपरा को देश-विदेश तक पहुंचाया, बल्कि अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया।