आज के समय में कई युवा बड़े शहरों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं। यही कारण है कि कई गांव अब पहाड़ों में खाली हो गए हैं। क्योंकि लोग रोजगार की तलाश में दूर-दराज के इलाकों में चले गए हैं।
पलायन कर रहे युवकों को दिया करारा जवाब
धीरे-धीरे चीजें बदल रही हैं और अब सभी समझ रहे हैं कि अगर किसी के पास एक अच्छा विचार है और दृढ़ संकल्प है, तो वे एक छोटे शहर में अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि पहाड़ों में संसाधन नहीं होने के कारण नौकरी के अवसर नहीं हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही युवक से मिलवा रहे हैं जिसने अपने पिता के साथ काम करना शुरू किया और लाखों का पैकेज छोड़ दिया।
अपने पिता की मैगी पॉइंट शॉप को नई ऊंचाइयों पर ले गया है। मैगी प्वाइंट उत्तराखंड में बहुत प्रसिद्ध बिंदु है जहां हर उम्र के लोग आ सकते हैं और बिना किसी अतिरिक्त लागत के शांतिपूर्ण समय का आनंद उठा सकते हैं।
अल्मोड़ा में भी एक ऐसी जगह है जहां लोग मोमोज, चाउमीन, थुप्पा और सूप लेने आते हैं। इनमें से एक गौरव है जिसने मैगी पॉइंट चलाने के लिए अपनी 11 लाख पैकेज की नौकरी छोड़ दी। गौरव तिवारी ने अपने पिता के व्यवसाय को एक नए स्तर पर पहुँचाया है।
गौरव ने अपना होटल प्रबंधन पूरा कर लिया है और पिछले 10 वर्षों से मुंबई में एक बार्ज पर शेफ के रूप में काम कर रहा है। उन्हें 11 लाख का सालाना पैकेज मिला था, लेकिन पैर में दिक्कत के चलते वह हाल ही में अल्मोड़ा लौट आए। पिता के काम में हॉट्ज बांटने लगा।
गौरव अपने पिता की फास्ट फूड की दुकान पर खाना बनाने में मदद करता है। यह दुकान बहुत लोकप्रिय हो गई और लोग मोमोज, थुप्पा और सूप सहित कई प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने के लिए यहां उमड़ पड़े।
शाम के समय यहां लोगों की खासी भीड़ देखी जाती है। गौरव ने दिखा दिया है कि अगर आप ठान लें तो कम संसाधन होने पर भी आप सफलता हासिल कर सकते हैं।