उत्तराखंड के युवाओं में कड़ी मेहनत करने का जज्बा है। उस आधुनिक युग में हर कोई जानता था कि वह समय चला गया है जब सफलता अनुभव पर निर्भर करती है लेकिन अब समय बदल गया है।
देहरादून की ल़डकी ने शुरू किया लोन लेकर कारोबार
अगर आपमें कुछ करने की इच्छा है तो यह आवश्यक नहीं है कि आप 80 वर्ष के हों। हाल ही में उत्तराखंड के एक 12वीं कक्षा के छात्र ने इसे सच करके दिखाया। इस बच्चे ने कम उम्र में ही वह मुकाम हासिल कर लिया, जो बड़े-बुजुर्ग नहीं कर पाए।
हम बात कर रहे हैं देहरादून की प्रिंसी वर्मा की, जो अपनी मेहनत के दम पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर अपने लिए नहीं बल्कि कई लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खोल चुकी हैं। प्रिंसी ने स्वरोजगार अपनाकर घर में ही सैनिटरी नैपकिन बनाने की इकाई शुरू की है।
बता दें कि प्रिंसी वर्मा देहरादून के विकास नगर इलाके के सेलाकुई की चोई बस्ती की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि इस काम को खुद करने का रास्ता उनके लिए काफी मुश्किल था. शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स्वरोजगार शुरू करने के लिए लोन के लिए आवेदन किया, पहली बार में उनका लोन पास नहीं हो सका, लेकिन प्रिंसी ने हिम्मत नहीं हारी, फिर से लोन के लिए आवेदन किया और दूसरी बार में उनका लोन पास हो गया, जिसके बाद प्रिंसी घर में रहने लगी . सैनिटरी नैपकिन बनाने का काम शुरू किया।
हरबर्टपुर के राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा की छात्रा प्रिंसी वर्मा किसी अन्य लड़की की तरह ब्यूटीशियन का कोर्स करने के लिए सेलाकुई स्थित प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र गई थी।
खाली समय में वे उद्यमिता विकास कार्यक्रम की कक्षा में बैठकर स्वरोजगार की बातें ध्यान से सुनती थीं। यहीं से उनके मन में खुद का बिजनेस शुरू करने की इच्छा जागी।
आपको बता दें कि देहरादून की राजकुमारी ने सैनिटरी नैपकिन बनाकर खुद की मार्केटिंग शुरू कर दी है. जिससे उन्हें अपने सैनिटरी पैड्स को बाजार में बेचने का मुनाफा मिला।
उन्होंने अपने व्यवसाय के साथ-साथ अन्य लोगों को भी अपने साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, कई लोगों ने उनके साथ इस स्वरोजगार को अपनाया, जिससे अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर मिले हैं। नैपकिन बनाने, पैकिंग और मार्केटिंग में भी 11 लोगों को रोजगार मिल रहा है।