उत्तराखंड के एक और युवा ने खेल के क्षेत्र में खुद को साबित किया है। हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी के अंशुल जुबली की जिन्होंने एक बार फिर मिक्स्ड मार्शल आर्ट के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
उत्तरकाशी के भटवारी ब्लाक के हैं रहने वाले
उन्होंने इंडोनेशिया में आयोजित प्रतियोगिता को जीतकर सफलतापूर्वक UFC अनुबंध प्राप्त किया, जो न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
अंशुल जुबली UFC कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले देश के दूसरे एथलीट हैं। इस लिहाज से उनकी उपलब्धि बेहद खास है। अंशुल से पहले भारत खंडारे UFC कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने का खिताब अपने नाम कर चुके हैं। अंशुल जुबली, ये मिक्स्ड मार्शल आर्ट के स्टार खिलाड़ी हैं।
अंशुल का परिवार उत्तरकाशी के भटवाड़ी गांव में रहता है। अनुबंध अर्जित करते हुए, उन्होंने लाइटवेट डिवीजन में रोड टू यूएफसी प्रतियोगिता जीतने के लिए इंडोनेशिया के जेका सारागिह को हराया।
उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को दो राउंड में ही नॉकआउट कर दिया। जिसके बाद तकनीकी नॉकआउट से अंशुल जयंती को विजेता घोषित किया गया। यह प्रतियोगिता पिछले रविवार को इंडोनेशिया में आयोजित की गई थी। अंशुल ने बताया कि मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) सभी कॉम्बैट स्पोर्ट्स का मिश्रण है। UFC भारत में बहुत लोकप्रिय नहीं है। UFC के झगड़े वास्तव में लड़े जाते हैं।
UFC के झगड़े वास्तव में वास्तविक रूप से लड़े जाते हैं। UFC के नियमों की बात करें तो ये लड़ाई केज में लड़ी जाती है जो कि अष्टकोणीय आकार में। इस खेल में रेफरी के अलावा तीन जज भी होते हैं, जो खेल के दौरान खिलाड़ियों पर नजर रखते हैं और अंक देते हैं।
फाइट्स में आमतौर पर पांच मिनट के तीन राउंड होते हैं। हालाँकि, विश्व चैम्पियनशिप में पाँच मिनट के पाँच राउंड खेले जाते हैं।