आज के जमाने में बेटियों ने दिखा दिया कि वे कुछ भी हासिल करती हैं, उन्हें मौका भी दिया जाता है। वे किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। एक बार फिर उत्तराखंड की बेटी ने कृषि के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित कर प्रदेश और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है।
श्रेया अब पढ़कर बनेंगी डॉक्टर और नाम करेगी रौशन
ऐसी ही होनहार बेटियों में से एक हैं रुद्रप्रयाग की श्रेया पंवार। अगस्त्यमुनि निवासी श्रेया ने एआरएस परीक्षा में अव्वल स्थान हासिल कर प्रदेश और जिले का नाम रोशन किया है। अब वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में बतौर वैज्ञानिक काम करेंगी।
श्रेया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में अन्य सभी प्रतियोगियों को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करने में सक्षम है। आइए आपको बताते हैं उनकी शुरुआती पढ़ाई के बारे में।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अगस्त्यमुनि के चिल्ड्रन एकेडमी इंटर कॉलेज में की। बाद में उन्होंने केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि से इंटर्नशिप की।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वह उच्च अध्ययन के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान परिषद, करनाल, हरियाणा चली गईं। यहां से पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद वर्तमान में वह हरियाणा राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत अपना शोध कार्य कर रही हैं।
अपने शोध कार्य के दौरान उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की और कृषि वैज्ञानिक का पद प्राप्त किया। श्रेया के माता-पिता शिक्षक हैं।
मां राजकीय जूनियर हाई स्कूल अगस्त्यमुनि में कार्यरत हैं, जबकि पिता राजकीय पीजी कॉलेज मालदेवता देहरादून में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर हैं।
अपनी इस उपलब्धि पर श्रेया ने अपने परिवार, परिवार और दोस्त को बधाई दी और कहा कि उन्हें शुरुआत से ही माता-पिता और शिक्षकों का भरपूर सहयोग और मार्गदर्शन मिला। जिसके कारण वह सफलता हासिल कर पाई।
श्रेया पंवार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा में खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।