अगर आप भी 31 जनवरी के बाद उत्तराखंड रोडवेज में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यह एनआरडब्ल्यू आपके लिए मददगार हो सकता है क्योंकि इसके बाद आप अपनी योजना में बदलाव कर सकते हैं या महंगा विकल्प बना सकते हैं। यात्रा में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
निजीकरण के खिलाफ बोर्ड करेगा हड़ताल
दरअसल उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने रोडवेज के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है. तय हुआ है कि कर्मचारी 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
बीते शनिवार को हुई बैठक में आंदोलन की पूरी रणनीति बनाई गई और मोर्चा के संयोजक नियुक्त किए गए। ऐसे में अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो जनवरी के बाद बस से सफर करने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इसके लिए शनिवार को गांधी रोड स्थित प्रमंडलीय कार्यालय में निजीकरण को लेकर बैठक हुई जिसमें वक्ताओं ने कहा कि सरकार रोडवेज के निजीकरण पर तुली हुई है जबकि रोडवेज इसके सख्त खिलाफ है।
रोडवेज कर्मचारियों ने भी कहा है कि रोडवेज का निजीकरण नहीं होना चाहिए। कहा जा रहा है कि निगम प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और न ही सुनवाई हो रही है।
ऐसे में आक्रोशित कर्मचारियों को एकजुट होकर संयुक्त मोर्चा बनाना होगा। बताया कि यह मोर्चा 27 जनवरी को गढ़वाल मंडल स्थित आईएसबीटी पर धरना देगा और इसके बाद भी अगर मांगें नहीं मानी गईं तो कल यानी जनवरी से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन बहिष्कार शुरू हो जाएगा, जिसके तहत बसों का संचालन होगा।