सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही हमारे जहन में जर्जर भवन की तस्वीर आ जाती है, अनियमित ड्रेस वाले बच्चे, लेकिन हमें यह बताना अच्छा लगता है कि यह बीते दिनों की बात है, प्रदेश के हर स्कूल में ऐसा नहीं है।
इस स्कूल में कक्षा की संख्या नहीं पर होते हैं नाम
कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो सुविधाओं से लेकर शिक्षा तक हर मामले में निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। आज हम यहां बात कर रहे हैं देहरादून के राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी ऐसे ही स्कूलों में से एक है। यह विद्यालय न केवल बच्चों को शिक्षा दे रहा है बल्कि उन्हें संस्कृति से भी जोड़ रहा है।
स्कूल में कक्षाओं का नाम भारत की नदियों और पहाड़ों के नाम पर रखा गया है। इस स्कूल को स्मार्ट स्कूल के रूप में डिजाइन किया गया है, जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम हैं।
कुछ वर्गों को गंगा, यमुना और मंदाकिनी नाम दिया गया है, जबकि अन्य को त्रिशूल और हिमालय जैसे नाम दिए गए हैं। इस स्कूल में समय-समय पर बच्चों को उत्तराखंड के पहाड़ और संस्कृति से जोड़ने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्कूल में एक कंप्यूटर लैब भी है, जिसका नाम गंगा क्लासरूम है। संगीत की कक्षा में उत्तराखंडी लोकगीत सीखते बच्चे। उन्हें उत्तराखंड के लोक नृत्यों और लोकगीतों की जानकारी भी दी जाती है।
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्राचार्य प्रेमलता बौदाई का कहना है कि वर्ष 2020 में इस स्कूल को स्मार्ट स्कूल के रूप में बनाया गया था और तभी स्कूल की कक्षाओं का नाम गंगा, यमुना, मंदाकिनी आदि नदियों के नाम पर रखा गया था।
उनका कहना है कि हम बच्चों को उत्तराखंडी संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और इसमें काफी हद तक सफल भी हुए हैं।