प्रकृति जोशीमठ के निवासियों की कड़ी परीक्षा ले रही है। शहर भूस्खलन की चपेट में है, इसी बीच अब मौसम वैज्ञानिकों ने यहां बारिश की संभावना जताई है।
पूरे शहर में दरारों के बीच अब जोशीमठ में मौसम बन सकता है आफत
शहर पर भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में अगर बारिश हुई तो यहां तबाही मच जाएगी। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है।
इससे अगले तीन दिनों तक मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों तक बारिश होने का अनुमान है। तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की भी संभावना है।
अनुमान है कि तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में भूस्खलन के बाद आसमान में उमड़ रहे काले बादलों ने जोशीमठ वासियों की चिंता बढ़ा दी है. बुधवार और गुरुवार को चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
कुल मिलाकर आने वाले दिनों में भूस्खलन की चपेट में आए जोशीमठ शहर के लिए हालात और भी खराब हो सकते हैं। अगर यहां बारिश हुई तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। भूस्खलन के बाद बनी दरारें गहरी हो सकती हैं, पानी के नए स्रोत भी फूट सकते हैं।
इस स्थिति से शासन-प्रशासन भी चिंतित है। जानकारों का कहना है कि लैंडस्लाइड की वजह से सभी सेफ्टी टैंक लीक हो गए होंगे, उनका पानी रास्ता निकाल लेगा।
बारिश का पानी इसमें मिल सकता है और नए स्रोतों को जन्म दे सकता है। इससे मिट्टी का कटाव बढ़ेगा। आपको बता दें कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र में अब तक 678 इमारतों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें दरारें आ गई हैं. रविवार तक यह संख्या 603 थी।
प्रशासन ने सुरक्षात्मक कार्यों के लिए शहर को कोर जोन और बफर जोन में बांटा है। जोन के हिसाब से भवनों की मार्किंग व तोड़ फोड़ की जाएगी।