यह सच है कि जब लोग अपने पालतू जानवर या किसी जानवर को खो देते हैं तो उन्हें सबसे ज्यादा चोट लगती है और उन्हें बहुत गहरा दर्द होता है। हरिद्वार पुलिस विभाग के अभिन्न अंग के रूप में राजा हमेशा कर्मचारियों की यादों में ही जीवित रहेंगे।
अदम्य साहस को देखते हुए मिली राजा की उपाधि
आज हम यहां बात कर रहे हैं घोड़े “राजा” की जो पिछले 20 सालों से पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहा था। उन्होंने अपने जीवन काल में दो महाकुंभों में और दो अर्धकुंभों में और अपने कार्यकाल के दौरान सैकड़ों स्नान उत्सवों में भी भाग लिया। इस घोड़े ने हाल ही में आखिरी सांस ली। राजा काफी दिनों से बीमार चल रहा थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित जिले के पुलिस अधिकारियों ने माउंटेड पुलिस लाइन कनखल बैरागी कैंप पहुंचकर नम आंखों से राजा को अंतिम विदाई दी। साल 2003 में पीटीसी मुरादाबाद से ट्रेनिंग लेने के बाद राजा उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गए।
राजा ने अपने 20.5 साल के लंबे कार्यकाल में कुंभ, अर्ध कुंभ, कांवर मेला और अन्य स्नान पर्वों के दौरान हरिद्वार में शांति कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब वह 24 साल का था तब लंबी बीमारी से जूझने के बाद घोड़े की मौत हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने घुड़सवार पुलिस लाइन को विदाई देते हुए कहा कि राजा हरिद्वार घोड़ा पुलिस लाइन का एक महत्वपूर्ण घोड़ा था। उनके निधन से हम सभी मर्माहत हैं। अधिकारियों और सैनिकों ने दुखी मन से राजा को विदा किया