जब भी देहरादून का जिक्र आता है तो सबसे पहले हमारी आंखों के सामने ऐतिहासिक घंटाघर की तस्वीर आती है। इस घंटाघर को देहरादून का दिल कहा जाता है। इसकी सुई चुभती है तो शहर पूरी रफ्तार से दौड़ता है।
जानिए कैसा होगा नए घंटाघर का डिजाइन
इस टावर का निर्माण 1953 में हुआ था और अब कई सालों के बाद कुमाऊं के प्रमुख शहर हल्द्वानी में ऐसा टावर बनाने की योजना है. तिकोनिया के पंडित जीबी पंत पार्क में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की आदमकद प्रतिमा वाला घंटाघर स्थापित किया जाएगा।
हल्द्वानी नगर निगम बोर्ड की बैठक 22 नवंबर को होनी है। इस बैठक में घंटाघर लगाने का प्रस्ताव भी लाया जाएगा। बैठक में घंटाघर निर्माण के लिए 1.28 करोड़ का प्रारंभिक प्रस्ताव रखा जाएगा। पार्क को एक साथ बनाने की योजना है। 22 नवंबर को प्रस्तावित बैठक का एजेंडा बुधवार को जारी किया गया।
इसके मुताबिक छह विशेष प्रस्तावों समेत 12 प्रस्ताव बोर्ड के सामने लाए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुमानित बजट के अनुमोदन का प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में लाया जाएगा। इसके अलावा बिना विलंब शुल्क के ट्रेड लाइसेंस जमा करने की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाने की योजना है।
4.52 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सिटी फॉरेस्ट के लिए एक करोड़ रुपये जारी करने का प्रस्ताव भी आयोग के समक्ष आएगा। शीशमहल में 1.70 करोड़ रुपये की लागत से जनसभा केंद्र स्थापित करने के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान का प्रस्तुतिकरण होगा।
शासनादेशानुसार आयुष्मान योजना में केन्द्रीय एवं गैर केन्द्रीय सेवा कर्मी, नगर निगम हल्द्वानी में कार्यरत पेंशनरों को आयुष्मान योजना में सम्मिलित करने पर विचार किया जायेगा। चलिए अब आपको देहरादून के घंटाघर के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं। इसे ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था।
य़ह एशिया का पहला ऐसा क्लॉक टावर था, जिसमें छह घड़ियां हैं। क्लॉक टॉवर आमतौर पर चार घड़ियों के होते हैं, लेकिन देहरादून का क्लॉक टॉवर हेक्सागोनल आकार का है।