यह बात साल 2006 की है, तब विराट कोहली दिल्ली की रणजी टीम का हिस्सा थे. कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन उसी साल दिसंबर में हुआ था. तब विराट ने अपने बड़े भाई से एक वादा किया था, जिसे बाद में पूरा भी करके दिखाया. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली आज यानी 5 नवंबर को अपना जन्मदिन मना रहे हैं. यूं तो विराट से जुड़े कई किस्से हैं जिस पर उन्होंने खुद बात की है, कभी उनके कोच ने भी कुछ बताया तो परिवार, दोस्तों ने भी राज खोले. विराट ने एक बार बताया था कि जब उनके पिता का निधन हुआ था, तब वह रो भी नहीं पाए थे. विराट ने कहा था कि पिता के निधन ने उनकी जिंदगी पर सबसे गहरा असर डाला लेकिन मुश्किलों से भी लड़ना सिखाया. विराट ने अमेरिकी खेल पत्रकार ग्राहम बेनसिंगर से खास बातचीत में कहा था कि उन्होंने अपने पिता को आंखों के सामने आखिरी सांस लेते देखा. विराट के पिता का जब निधन हुआ था, तब वह दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट मैच खेल रहे थे. तब अपने बड़े भाई से विराट ने कहा था कि वह देश के लिए क्रिकेट खेलना चाहते हैं और पिता का भी यही सपना था तो वह इसे पूरा करेंगे. यह बात साल 2006 की है, तब विराट दिल्ली की रणजी टीम का हिस्सा थे. कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन उसी साल दिसंबर में हुआ था. विराट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि किसी भी कारण से वह क्रिकेट नहीं छोड़ सकते थे और पिता के निधन के बाद उन्होंने यह तय कर लिया था कि यह खेल उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि पिता के निधन ने उन्हें मुश्किलों से लड़ना और बुरे वक्त का सामना करना सिखाया.विराट ने बेनसिंगर को बताया कि उस समय वह चार दिवसीय मैच का हिस्सा थे. जब यह सब (पिता का निधन) हुआ तो अगले दिन उन्हें बल्लेबाजी करनी थी. उन्होंने कहा, ‘हम लोग रात भर जागे, तब कुछ नहीं पता था. मैंने उन्हें आखिरी सांस लेते हुए देखा. रात काफी हो चुकी थी. हम आसपास के डॉक्टर के यहां भी गए, लेकिन किसी ने नहीं देखा. फिर हम उन्हें अस्पताल लेकर गए लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए. परिवार के सभी लोग टूट गए और रोने लगे, लेकिन मेरी आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे. मैं तो यही समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो गया. मैं ये सब देखकर सन्न था.’
क्रिकेट नहीं छोड़ना
विराट ने अपने कोच को सुबह इस बारे में बताया. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने कोच को सुबह फोन किया और जो इस सबके बारे में बताया. साथ ही कहा कि मैं आगे मैच का हिस्सा बने रहना चाहता हूं क्योंकि चाहे कुछ हो इस खेल को छोड़ना मंजूर नहीं था. मैदान पर गए तो मैंने एक दोस्त को बताया. उसने बाकी साथियों को खबर दी. जब ड्रेसिंग रूप में मेरे टीम साथी मुझे सांत्वना दे रहे थे तब मैं बिखर गया और रोने लगा.’ विराट ने बताया कि उन्हें अब लगता है कि उस मुश्किल वक्त ने उन पर सबसे ज्यादा असर डाला. उन्होंने कहा, ‘मैं मैच से आया और अंतिम संस्कार हुआ. मैंने तब भाई से एक वादा किया कि मैं भारत के लिए खेलूंगा. टीम इंडिया के लिए खेलूंगा. पापा हमेशा चाहते थे कि मैं इंडिया के लिए खेलूं. इसके बाद जिंदगी में सब दूसरे नंबर पर आ गया. क्रिकेट मेरे लिए पहली प्राथमिकता बन गई.’ दिल्ली में जन्मे विराट आज 34 साल के हो गए हैं. उन्होंने कई मौकों पर अकेले दम पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है. कोहली ने अभी तक 102 टेस्ट, 262 वनडे और 113 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. उनके नाम टेस्ट में 27 टेस्ट, 28 अर्धशतकों की बदौलत 8074 रन हैं जबकि वनडे में उन्होंने 43 शतक और 64 अर्धशतक लगाते हुए 12344 रन बनाए हैं. टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने एक शतक और 36 अर्धशतक जड़े हैं और कुल 3932 रन उनके नाम हैं. वह फिलहाल टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं जहां टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है.
विराट कोहली ने खोले बड़े राज, कहा- पिता की मौत ने बदल दी जिंदगी, मैं रो भी नहीं पाया…
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने बताया कि पिता की मौत ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया. अमेरिकी स्पोर्टस रिपोर्टर ग्राहम बेनसिंगर (Graham Bensinger) के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने पिता को आंखों के सामने आखिरी सांस लेते देखा. उनके निधन ने जिंदगी पर सबसे ज्यादा असर डाला. उस समय उन्होंने अपने भाई से कहा था कि वह देश के लिए खेलना चाहते हैं और पिता का भी यही सपना था तो वे इसे पूरा करेंगे. बता दें कि कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन दिसंबर 2006 में हो गया था. उस समय विराट रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेल रहे थे. कोहली ने बताया कि किसी भी कारण से वह क्रिकेट का मैच नहीं छोड़ सकते और पिता के निधन के बाद उन्होंने यह तय कर लिया था कि क्रिकेट उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि पिता के निधन ने उन्हें मुश्किलों से लड़ना और बुरे समय का सामना करना सिखाया. जिस समय कोहली के पिता का देहांत हुआ उस समय वे कर्नाटक के खिलाफ खेल रहे थे. इसमें उन्होंने 90 रन बनाए थे. कोहली ने बेनसिंगर को बताया, ‘उस समय मैं 4 दिनों का मैच खेल रहा था और जब यह सब (पिता का निधन) हुआ तो अगले दिन बल्लेबाजी जारी रखनी थी. सुबह के ढाई बजे उनका देहांत हुआ. हम सब जागे लेकिन उस समय हमें कुछ नहीं पता था. मैंने उन्हें आखिरी सांस लेते हुए देखा. हम आसपास के डॉक्टरों के यहां गए लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. फिर हम उन्हें अस्पताल लेकर गए लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए. परिवार के सभी लोग टूट गए और रोने लगे लेकिन मेरी आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे. मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो गया और मैं सन्न था.’बकौल कोहली, ‘मैंने अपने कोच को सुबह फोन किया और जो कुछ भी हुआ उसके बारे में बताया. साथ ही कहा कि मैं आगे खेलना चाहता हूं क्योंकि चाहे कुछ हो क्रिकेट छोड़ना मंजूर नहीं था. मैदान पर गए तो मैंने एक दोस्त को बताया. उसने बाकी साथियों को खबर दी. जब ड्रेसिंग रूप में मेरे टीम साथी मुझे सांत्वना दे रहे थे तो मैं बिखर गया और रोने लगा.’