उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है. अंतत: उत्तराखण्ड के 4 जिलों में उच्च क्षेत्रों में एक साथ मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। उच्च हिमालयी क्षेत्र बर्फ से ढके दिखाई दे रहे हैं, जिससे तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ गई है।
बर्फ़बारी शुरू पर शीत लहर की संभावना नहीं
उत्तराखंड में इन दिनों मौसम साफ है, लेकिन कल शाम कुछ इलाकों में बर्फबारी हुई। जिससे ठंड ने समय से पहले दस्तक दे दी है। उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में बर्फबारी हुई है. मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर जिलों में 7 नवंबर से भीषण ठंड की भविष्यवाणी की थी। देश के कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदलना शुरू हो गया है।
जहां मैदानी इलाकों का तापमान कम होता जा रहा है वहीं पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी ने मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड के धारचूला के निचले इलाकों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर में राज्य के ज्यादातर हिस्सों में रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा।
विभाग ने एक तरह से इस महीने शीत लहर की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के बड़े हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
उधर, कुमाऊं में दारमा और व्यास घाटी सहित उच्च हिमालयी क्षेत्र में मंगलवार को बर्फबारी हुई, जबकि मुनस्यारी के नचनी इलाके में भारी ओलावृष्टि हुई. जिससे सब्जियों और फलों के पेड़ों को काफी नुकसान हुआ। दारमा और व्यास घाटी के तमाम गांवों में बर्फबारी से ठंड पड़ रही है।
हेमकुंड साहिब समेत ऊंचाई वाले इलाकों में पिछले दिनों फूलों की घाटी में भी बर्फबारी हुई थी। जोशीमठ में भारी ओलावृष्टि से शीतलहर चल रही है। बद्रीनाथ धाम में भी मौसम ने करवट ली है। यहां भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।