जब कोई महिला मां बनती है, तो वह समय उसकी जिंदगी का सबसे हसीन पल होता है। मां बनने का सुख एक मां ही समझ सकती है, जिन महिलाओं को पहली बार मां बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है, उनकी खुशी का अनुमान कोई भी नहीं लगा सकता है। कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं, जो शादी के कुछ साल बाद ही मां बन जाती हैं, वहीं कुछ ऐसी भी होती है जो शादी के कई साल बाद भी मां नहीं बन पाती हैं। ऐसे में वह अपने जीवन में संतान प्राप्ति की लालसा में तड़पती रहती हैं। वहीं ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बेटा चाहते हैं। लेकिन मौजूदा समय में बेटा-बेटी में कोई भी अंतर नहीं है। बेटा-बेटी एक समान हैं लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोगों की मानसिकता में कोई भी बदलाव नहीं आया है। समाज में ऐसे भी कुछ लोग रहते हैं, जो बेटियों से ज्यादा श्रेष्ठ बेटों को मानते हैं और बेटों की चाह में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। लेकिन सब लोग एक जैसे नहीं होते हैं। इसी बीच आज हम आपको मध्यप्रदेश के राजगढ़ के एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर माता-पिता को तीन बेटियों के बाद बेटे की चाहत थी। लेकिन उनके यहां एक साथ तीन और बेटियां जन्मीं हैं। पिता ने बेटियों को भगवान का आशीर्वाद माना है। राकेश तिवारी ने कहा कि हमें एक बेटे की चाहत थी, इससे हमारा परिवार पूरा हो जाता। लेकिन हमारी तीन बेटियां हुए हैं। पिता ने कहा कि बच्चियां तो भगवान की देन हैं, सभी सामर्थ्य अनुसार शान से पालूंगा। जब तीन बेटियां होने की जानकारी राकेश को मिली थी, तो वह बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि बेटियां भगवान का आशीर्वाद है। हालांकि, साथ में बेटा हो जाता तो परिवार पूरा हो जाता है।राकेश ने कहा कि मैं बेटियों को अपनी सामर्थ्य शक्ति से बेहतर जिंदगी देने की कोशिश करूंगा। आपको बता दें कि सीमा और राकेश ने अपनी बेटियों का नाम गंगा, जमुना और सरस्वती रखा है।
3 बच्चियों के बाद बेटा चाहते थे माता- पिता, 3 बेटियां और जन्मीं….
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह मामला राजगढ़ का है। नरसिंहगढ़ में मान पिछोड़ी गांव में रहने वाली सीमा तिवारी और राकेश तिवारी की शादी साल 2013 में हुई थी। अलग-अलग समय पर तीन बेटियों ने उनके यहां पर जन्म लिया था। पहली बेटी की आयु 7 वर्ष की है, वहीं दूसरी बेटी की उम्र 5 वर्ष की है और तीसरी बेटी की आयु 2 वर्ष की है। तीन बेटियों के बाद राकेश और सीमा चाहते थे कि उनका बेटा हो। जब राकेश की पत्नी सीमा फिर से गर्भवती हुई तो उनकी अब चाहत बेटे की थी। गुरुवार शाम को सीमा को अस्पताल में भर्ती किया गया था। रात के समय सीमा ने तीन बच्चियों को एक साथ जन्म दिया। मां और तीनों बच्चियां बिल्कुल ठीक हैं। सभी बच्चियों का वजन 2 किलो से ज्यादा है। डॉक्टरों ने बताया कि तीन संतान एक साथ होने के मामले रेयर होते हैं। यहां जन्मी तीनों बच्चियां और उनकी मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बता दें कि कुछ ऐसा ही मामला बालाघाट जिला से भी पहले सामने आ चुका है। यहां किरनापुर तहसील के ग्राम जराही के 26 साल की प्रीति नंदलाल मेश्राम ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें तीन लड़के और एक लड़की है। लेकिन यह बच्चे कमजोर हुए थे। इसी वजह से 53 दिन अस्पताल में इन्हें रखा गया। जब यह स्वस्थ हो गए तो उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया था।
पिता ने कहा- बच्चियां तो भगवान की देन हैं, शान से पालूंगा…
राकेश तिवारी ने कहा कि हमें एक बेटे की चाहत थी, इससे हमारा परिवार पूरा हो जाता। लेकिन हमारी तीन बेटियां हुए हैं। पिता ने कहा कि बच्चियां तो भगवान की देन हैं, सभी सामर्थ्य अनुसार शान से पालूंगा। जब तीन बेटियां होने की जानकारी राकेश को मिली थी, तो वह बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि बेटियां भगवान का आशीर्वाद है। हालांकि, साथ में बेटा हो जाता तो परिवार पूरा हो जाता है | राकेश ने कहा कि मैं बेटियों को अपनी सामर्थ्य शक्ति से बेहतर जिंदगी देने की कोशिश करूंगा। आपको बता दें कि सीमा और राकेश ने अपनी बेटियों का नाम गंगा, जमुना और सरस्वती रखा है। बता दें कि कुछ ऐसा ही मामला बालाघाट जिला से भी पहले सामने आ चुका है। यहां किरनापुर तहसील के ग्राम जराही के 26 साल की प्रीति नंदलाल मेश्राम ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें तीन लड़के और एक लड़की है। लेकिन यह बच्चे कमजोर हुए थे। इसी वजह से 53 दिन अस्पताल में इन्हें रखा गया। जब यह स्वस्थ हो गए तो उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया था।