ज़्यादा राज्यो में सफ़र करने वाले या रहने वाले लोगो के लिए BH नंबर प्लेट बेहद फायदेमंद है, ख़ासकर जिनका अक्सर ट्रांसफर होता रहता है। यह नंबर प्लेट्स सिर्फ नए, निजी और नॉन ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए ही उपलब्ध है। पुराने वाहनों और कमर्शियल इस्तेमाल के वाहनों पर बीएच नंबर प्लेट्स की सुविधा नहीं है। पहचानने में है आसान बीएच नंबर प्लेट देखने में बिलकुल सामान्य नंबर प्लेट्स की तरह ही लगती है। बस इस पर नंबर अंकित करने का तरीका थोड़ा अलग होता है। जैसे कि इसमें सबसे आगे बीएच अंकित होता है, जिसका अर्थ है भारत | इसके बाद वाहन का चार अंकों वाला रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित किया जाता है और अंत में वाहन की श्रेणी अंकित होती है। इसके लिए सरकारी कर्मचारियों को अपना आधिकारिक पहचान-पत्र, अपने डीलर के समक्ष प्रस्तुत करना होगा और निजी सेक्टर में कार्य करने वाले इसकी पात्रता के लोगों को फार्म 60 भरकर अपने डीलर कितना लगेगा टैक्स के पास जमा कराना होगा। इसके बाद आपके वाहन का डीलर बीएच सीरीज नंबर के लिए आवेदन करेगा, जो कुछ दिनों में आपको प्राप्त हो जाएगा।एक बात ध्यान रखने की जरूरत है कि वर्तमान में आमतौर पर साधारण नंबर प्लेट की कोई नई गाड़ी खरीदने पर 15 वर्ष का रोड टैक्स एकमुश्त अदा करना होता है, जो कि वाहन की लंबाई, इंजन की क्षमता और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। पर बीएच सीरीज नंबर प्लेट लेने पर आने वाले दो वर्षों का ही रोड टैक्स जमा कराना होता है, जो हर दो वर्ष की अवधि पर फिर से जमा कराना होता है। बीएच सीरीज की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर रोड टैक्स, वाहन की कुल कीमत से जीएसटी हटाकर आंका जाता है। इसका अर्थ यह है कि यदि आपको वाहन पर अच्छा डिस्काउंट मिला है, तो आपको उस पर रोड टैक्स भी कम ही अदा करना होगा। जैसे पेट्रोल पर चलने वाली 10 लाख से कम की गाड़ियों पर 8 फीसदी, 10 से 20 लाख की कीमत वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी और 20 लाख से ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर 12 फीसदी रोड टैक्स लगता है, जिनमें डीजल वाली गाड़ियों पर 2 फीसदी टैक्स बढ़ जाता है, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 2 फीसदी टैक्स कम देना पड़ता है। जानकारों का मानना है कि बीएच सीरीज नंबर प्लेट के फायदों की तुलना में नुकसान न के बराबर हैं।
नये ख़रीदे गये 25 हज़ार गाड़ियों का कटेगा चलान, चेक करें कही आपके भी डीलर ने तो नहीं किया ये गलती…..
त्योहारी सीजन में जमकर वाहन बेचने वाले डीलरों पर आरटीओ की चेतावनी का असर नहीं हुआ है। डीलरों ने बगैर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के ही वाहनों की डिलीवरी कर दी है। जिससे पोर्टल पर पंजीयन का काम अधूरा रह गया है। इस कारण इनके रजिस्ट्रेशन कार्ड निकलने में देरी हो रही है। बीते अगस्त में वाहन की पंजीयन की व्यवस्था डीलरों के पास चली गई है। तब से अब तक करीब 40 हजार वाहन बेचे जा चुके हैं। लेकिन करीब 15 हजार वाहनों पर ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जा सकी है। जिन वाहनों पर यह प्लेट नहीं लगाई गई है, इनके रजिस्ट्रेशन कार्ड निकालने में परेशानी आएगी। पिछले दिनों आरटीओ प्रदीप शर्मा ने सभी डीलरों को पत्र भी लिखा था कि बिना नंबर प्लेट गाड़ी की डिलीवरी करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि नए वाहनों के पंजीयन कार्ड जारी करने में लगातार देरी हो रही है। अब आरटीओ के पास खाली पंजीयन कार्ड आए हैं। जब कार्ड की प्रिंटिंग शुरू हुई तो पता चला कि डीलरों की तरफ से सर्वर पर अपडेट ही नहीं किया गया है कि इन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी हैं कि नहीं। इस कारण इन वाहनों के पंजीयन कार्ड ही नहीं निकल पाए । शाखा प्रभारियों ने इसकी जानकारी आरटीओ को दी तो ताबड़तोड़ सभी डीलरों को पत्र जारी किया गया लेकिन इसका कोई खास असर दिखाई नहीं दिया। ऐसे गाड़ियों के ऊपर अब कार्यवाई शुरू कर दी गई हैं. ट्रैफिक पुलिस के द्वारा अब रोको टोको अभियान के तहत जुर्माना किया जा रहा हैं. साथ ही साथ Toll Tax पर भी केवल टेम्पररी फ़ास्टैग इशू किया जा रहा हैं या फिर कैश में दोगुना पैसा देना पड़ रहा हैं |
क्या हैं BH सीरीज के नंबर ? अब नहीं बदलनी होगी नंबर प्लेट
परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गैर परिवहन (नॉन-ट्रांसपोर्ट) वाहनों के लिए बीएच (BH) सीरीज, यानी भारत सीरीज के नंबर की नई सुविधा निकाली गई है। यह सुविधा खास उन लोगों के लिए जारी की गई है जिनका नौकरी-व्यवसाय के चलते लगातार स्थानांतरण होता रहता है। उन्हें अब राज्य बदलने पर गाड़ियों की नंबर प्लेट बदलने की जरूरत नहीं होगी। जानते हैं बीएच सीरीज से जुड़ी हुई कुछ खास जरूरी बातें। 28 अगस्त, 2021 को गैर परिवहन वाहनों के लिए बीएच सीरीज के नंबरों की सुविधा लागू की गई थी। इसके लिए पंजीकरण 15 सितंबर, 2021 से शुरू हुआ था। भारत में वाहनों की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया था। मोटरयान अधिनियम 1988 के अनुसार एक राज्य में पंजीकृत वाहन को दूसरे राज्य में 12 महीनों तक बगैर नए रजिस्ट्रेशन के प्रयोग की छूट थी। इसके बाद वाहन का नए राज्य में रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक था। बीएच सीरीज में रजिस्टर किए हुए वाहन के लिए अब यह अनिवार्यता नहीं रहेगी। इस सीरीज के वाहन की वैधता पूरे भारत में होगी। राज्य बदलने पर नया रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है। कई नौकरीपेशा लोगों के लगातार तबादले होते हैं, उन सभी के लिए बीएच सीरीज ने एक अच्छी सहूलियत दे दी है। साथ ही इसके अन्य कई फायदे भी हैं। बीएच सीरीज के वाहन मालिकों को अब एक समय में मात्र 2 साल के लिए रोड टैक्स देना होगा। पहले यह टैक्स 15 से 20 सालों के लिए दिया जाता था जबकि वे उस राज्य में केवल एक-दो साल ही रहते थे। यदि दो सालों बाद रोड टैक्स भरने में चूक हो जाए तो ₹100 प्रतिदिन का अतिरिक्त शुल्क देना होगा । इस सीरीज के नंबर प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। वाहन खरीदते समय डीलर द्वारा वाहन पोर्टल पर यह नंबर रजिस्टर किया जा सकता है। पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर लेने पर बीएच सीरीज का नंबर प्लेट वाहन मालिक को मिल जाता है। अन्य किसी भी नंबर प्लेट की तरह ही बीएच सीरीज में सफेद प्लेट पर काले अंकों और अक्षरों से पंजीकृत क्रमांक लिखा होता है। नंबर लिखने का तरीका कुछ इस प्रकार होता है.