जहाँ एक ओर इस्लामिक देश ईरान में महिलाएँ हिजाब का विरोध कर रहीं हैं। वहीं, दूसरी ओर भारत में हिजाब के समर्थन में ‘तमाशा’ देखने को मिल रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित MDDM कॉलेज में परीक्षा के दौरान हिजाब पहने हुए छात्राओं से शिक्षक द्वारा कान दिखाने के लिए कहने पर छात्राओं ने जमकर बवाल मचाया है| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में सेंट अप परीक्षा चल रही थी। इस दौरान, कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर बैठी हुईं थीं। एक शिक्षक को छात्राओं के ब्लूटूथ लगाए होने का शक हुआ और उन्होंने छात्राओं से कान दिखाने के लिए कहा। जिस पर छात्राएँ भड़क गईं और कॉलेज में ही बवाल करने लगीं | छात्राओं का आरोप है कि परीक्षा के दौरान शिक्षक शशिभूषण ने छात्राओं से पहले तो हिजाब निकालने के लिए कहा। मुस्लिम लड़कियों की मानें तो इसके बाद उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देशद्रोही कहा है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि शिक्षक ने उनसे कहा है कि रहते यहाँ हो और गाते वहाँ की हो, पाकिस्तान ही चले जाओ। इसके बाद, छात्राओं ने विरोध किया और बिना परीक्षा दिए ही कॉलेज के बाहर जाकर बवाल करने लगीं। इस मामले में, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कनुप्रिया का कहना है कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने की एक साजिश है। इस कॉलेज का इतिहास काफी पुराना है। ये छात्राएँ इंटर की हैं। सभी लोगों को मोबाइल हटाने और ब्लूटूथ हटाने को कहा गया था। लेकिन इन लोगों ने इसे एक अलग ही मामला बना लिया और धर्म से जोड़कर बवाल करने लगीं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह बेहद ही शर्मनाक बात है। इन छात्राओं की अटेंडेंस भी 75% से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का भी निर्देश है कि कम अटेंडेंस पर्सेंट वाली छात्राओं को फाइनल एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाए। ये लोग बेवजह का दबाव बना रहे हैं। ताकि कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। हिजाब की कोई बात नहीं थी। ये जिस शिक्षक पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही और पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बातें बनाकर बेवजह मामले को तूल दे रही हैं। इस मामले में, स्थानीय मिठनपुरा थाने के प्रभारी एसएचओ श्रीकांत सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत की और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई है। फिलहाल मामला दर्ज करने या इलाके में अतिरिक्त बल तैनात करने की जरूरत नहीं है। पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
ब्लूटूथ लगाया, ऊपर ‘हिजाब’ पहना और देने लगीं परीक्षा, जब रोका तो बना दिया मजहबी मुद्दा…
इस समय पूरी दुनिया में हिजाब/बुर्के को लेकर बवाल मचा हुआ है। जहाँ एक तरफ इस्लामिक मुल्क ईरान में मुस्लिम महिलाएँ अपने हिजाब जलाकर इसका विरोध कर रहीं हैं। वहीं, दूसरी तरफ भारत में कक्षा में हिजाब पहनने की जिद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी बीच बिहार के मुजफ्फरपुर से हिजाब/बुर्के के दुरूपयोग का मामला सामने आया है। जिले में स्थित MDDM कॉलेज में परीक्षा के दौरान हिजाब पहने हुए छात्राओं से शिक्षक द्वारा कान दिखाने के लिए कहने पर छात्राओं ने जमकर हंगामा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में सेंट अप की परीक्षाएं जारी थी। इस दौरान, कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा दे रहीं थीं। एक शिक्षक को छात्राओं के ब्लूटूथ लगाए होने का शक हुआ और उन्होंने छात्राओं से अपने कान दिखाने को कहा। जिस पर छात्राएँ भड़क गईं और कॉलेज में ही हंगामा करने लगीं। छात्राओं का आरोप है कि परीक्षा के दौरान शिक्षक शशिभूषण ने उनसे हिजाब निकालने के लिए कहा। मुस्लिम लड़कियों ने यहाँ तक आरोप लगाया है कि शिक्षक ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें देशद्रोही भी कहा है। छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक ने उनसे कहा है कि रहते यहाँ हो और गाते वहाँ की हो, पाकिस्तान ही चले जाओ। इसके बाद, छात्राओं ने विरोध किया और परीक्षा दिए बगैर ही कॉलेज के बाहर जाकर हंगामा करने लगीं। वहीं, इस पूरे मामले में, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कनुप्रिया का कहना है कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने की एक साजिश है। इस कॉलेज का इतिहास बहुत पुराना है। ये छात्राएँ इंटर की हैं। सभी छात्र-छात्राओं को मोबाइल हटाने और ब्लूटूथ हटाने के लिए कहा गया था। मगर, इन छात्राओं ने इस बात को एक अलग ही रंग दे लिया और धर्म से जोड़कर बवाल करने लगीं। प्रिंसिपल ने यह भी कहा है कि यह बेहद ही शर्मनाक बात है। बवाल करने वाली छात्राओं की अटेंडेंस भी 75 फीसद से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का भी निर्देश है कि कम अटेंडेंस पर्सेंट वाले स्टूडेंट्स को फाइनल एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाए। ये लोग अकारण ही दबाव बना रहे हैं। ताकि कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। हिजाब की तो कोई बात ही नहीं थी। ये जिस शिक्षक पर इल्जाम लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही और पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बातें बनाकर बेवजह मामले को धार्मिक रंग दे रही हैं। इस मामले में, स्थानीय मिठनपुरा थाने के प्रभारी SHO श्रीकांत सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत की है और परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है। फिलहाल केस दर्ज करने या इलाके में अतिरिक्त बल तैनात करने की आवश्यकता नहीं है। पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
ब्लूटूथ के शक में टीचर ने हिजाब उतारने को कहा, नाराज छात्रा ने छोड़ दिया एग्जाम…
कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब बिहार तक पहुंच गया है. बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित MDDM गर्ल्स कॉलेज में सेंटर एग्जाम के दौरान एक बार फिर हिजाब से जुड़ा विवाद सामने आया. इस पर छात्राओं ने जमकर हंगामा किया. किसी तरह उस वक्त कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने मामले को शांत कराया. जानें पूरा मामला.. कॉलेज की प्रिंसिपल ने खुद घटना के बारे में बताया है. इसके मुताबिक कॉलेज में परीक्षा चल रही थी जिस में कई छात्राएं परीक्षा हॉल में मोबाइल आदि लेकर बैठी थीं. इस पर शिक्षकों ने उन्हें मोबाइल जमा करने को कहा और तलाशी लेनी शुरू की. इसी दौरान एक छात्रा ने इससे इनकार कर दिया और आवेश में आकर परीक्षा कक्ष से बाहर निकल गई. प्रिंसिपल का कहना है कि ऐसा करना गलत था अगर उसे टीचर के व्यवहार से दिक्कत थी तो उसे मुझसे शिकायत करनी चाहिए थी. उसके इस बर्ताव के बाद दूसरी छात्राओं ने उसके समर्थन पर आकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद कॉलेज में छात्राओं ने हिजाब हटाने के विवाद पर जमकर बवाल किया. सूचना के बाद मिठनपुरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ छात्राओं को समझा कर शांत किया. छात्राओं का आरोप है कि परीक्षा के दौरान पुरुष शिक्षक ने पहले तो कान में ब्लूटूथ चेक करने के नाम पर हिजाब हटाने को कहा और हिजाब हटा कर चेक होने के बाद शिक्षक ने उन्हें हिजाब को हटा कर रखने को बोला . छात्राओं का आरोप है कि टीचर ने ये भी कहा कि धर्म के नाम पर फायदा उठाया जा रहा है. आक्रोशित छात्राओं ने आगे बताया कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो शिक्षकों ने कॉपी जमा करने को कहा.