उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश के बाद खुशनुमा दिनों के बाद उत्तराखंड मौसम विभाग ने बढ़ती गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कहा जा रहा है कि तापमान में कोई राहत नहीं मिलेगी। लू लगने का खतरा भी बढ़ जाएगा। देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार जैसे जिलों में लू चलने की संभावना है। हीट स्ट्रोक मुख्य रूप से सूर्य के साथ चलने वाली गर्म हवा के कारण होता है।
आपको बता दें कि हीट स्ट्रोक के दौरान शरीर का थर्मल सिस्टम खराब हो जाता है, जिसके कारण शरीर वातावरण में ठंडा नहीं रह पाता है, यह अत्यधिक उच्च तापमान के कारण होता है। ऐसे में आपको अपना और खासकर अपने बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। दरअसल इन दिनों उत्तराखंड के निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चिलचिलाती धूप के कारण लू लगने से सबसे ज्यादा मरीज परेशान हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज उल्टी, डायरिया, वायरल, पीलिया, गले और सीने में संक्रमण से पीड़ित हैं।
प्रेमनगर अस्पताल में सीनियर फिजिशियन के पद पर कार्यरत डॉक्टर मुकेश सुंदरियाल का कहना है कि तेज धूप और गर्म हवा से लू लगने का खतरा बढ़ गया है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को निर्जलीकरण से बचने के लिए पानी का सेवन बहुत करना पड़ता है। यदि शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो जल्दी थक जाते हैं, अधिक चक्कर आते हैं, सिर दर्द होता है या सिर भारी होने लगता है, मुंह सूख जाता है और गहरा पीला पेशाब आता है।
निर्जलीकरण के कारण शरीर में इलेक्ट्रोल्स का संतुलन गड़बड़ा जाता है। ऐसे में डॉक्टर लोगों से तेज धूप में बाहर निकलने से बचने की अपील कर रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर घर से बाहर जाना ही है तो सुबह या शाम को ही बाहर निकलें। दोपहर में बाहर जाते समय अपने सिर और कानों को अच्छी तरह से ढक लें और धूप में छाता और टोपी का प्रयोग करें और खुद को हाइड्रेट रखें।
इसके साथ ही बीच-बीच में ओआरएस का घोल पीते रहना चाहिए और यात्रा के दौरान खाने-पीने का समय सही रखें और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और फल लें। वहीं जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ प्रवीण पंवार ने कहा कि इस मौसम में तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए. कम तेल और मसाले वाला खाना खाना चाहिए और सबसे जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए दही, छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी आदि का नियमित और पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए।