जब देश की सेवा करने की बात आती है, तो यह असंभव है कि उत्तराखंड का कोई नाम न हो, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए इस भूमि का कोई मुकाबला नहीं है। यहां के वीर जवान देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले अमित अंथवाल देश के लिए कुछ करने के जोश के साथ सेना में शामिल हुए। साल 2020 में आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में अमित शहीद हो गए थे। शहादत से पहले अमित ने एक आतंकी को मार गिराया था. वीरता और शौर्य का परिचय देने वाले अमित को मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजा गया।
उधमपुर में उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अमित की मां को सेना मेडल प्रदान किया. बता दें कि 4 अप्रैल 2020 को आतंकी अमित अंथवाल से संघर्ष के दौरान ऑपरेशन रनभरी बहक के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया था. अमित अंथवाल सेना के पैराट्रूपर ग्रुप का हिस्सा थे। इस संघर्ष में उसने आतंकवादियों को 15 गोलियां मारी लेकिन इससे पहले वह एक आतंकवादी को मार गिराने में सफल रहा।
ऑपरेशन के दौरान 15 गोलियां चलने के बाद भी अमित आमने-सामने की लड़ाई लड़ता रहा। इस दौरान अमित ने एक आतंकी को मार गिराया। अमित कुमार अंथवाल 9 दिसंबर 2011 को गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वह 4-पैरा स्पेशल फोर्स में कार्यरत थे और उनकी तैनाती कुपवाड़ा क्षेत्र में थी। बीते दिन उधमपुर में उत्तरी कमान में आयोजित अलंकरण समारोह में 19 शहीदों को वीरता सेना पदक से सम्मानित किया गया|
इस सूची में शहीद अमित अंतवाल भी शामिल थे। शहीद अमित का परिवार पौड़ी गढ़वाल के कवाला गांव में रह रहा है. शहीद को दिया गया सम्मान उनकी मां को मिला। मेडल को छूते ही मां की आंखें छलक पड़ीं। शहीद अमित अंतवाल भले ही हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन देश के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।