पिछले महीने 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए दर्दनाक हादसे में उत्तराखंड के वीर सपूत सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मौत हो गई थी. आप भी जानते ही होंगे कि इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी| घटना के एक महीने बाद इससे जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्घटना की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही वायुसेना प्रमुख को सौंपने जा रही है. इसी बीच सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर आई है। इस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन देश के शीर्ष हेलीकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में किया गया था। उनके अनुसार, यह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का विचार है और दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही समिति ने पाया है कि खराब मौसम के कारण पायलटों ने ‘विचलित’ किया होगा, जिसके कारण दुर्घटना हुई।
ऐसी दुर्घटनाएं तब होती हैं जब पायलट अपना ध्यान खो देता है या स्थिति का सही अनुमान नहीं लगा पाता है। समिति का मानना है कि इसके अलावा यह भी हो सकता है कि पायलट अनजाने में किसी सतह से टकरा गया हो। ऐसी स्थिति को कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (CIFT) कहा जाता है।
जांच दल की रिपोर्ट को वायुसेना के कानूनी विभाग द्वारा अंतिम रूप दिया जाना है। रिपोर्ट पांच दिनों के भीतर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंपे जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि तमिलनाडु के केके वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज जाते समय सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।