रेल एक सार्वजनिक परिवहन या देश की आर्थिक रूप से आगे और सुविधा के मामले में भी कनेक्टिविटी का सबसे अच्छा साधन है। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों के बाद अब सरकार पर्वतीय क्षेत्रों को मैदानी इलाकों से जोड़ने की योजना बना रही है| ताकि वे भी विकसित हो सकें, पहाड़ों को रेलवे से जोड़ने की कवायद लंबे समय से चल रही है। अब योजना धरातल पर आ गई है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का अंतिम सर्वे सीएम धामी और रेल मंत्रालय ने शुरू कर दिया है|
आपको बता दें कि टनकपुर-बागेश्वर ब्रॉड गेज रेल लाइन का फाइनल सर्वे शुरू हो गया है। यह सर्वे नोएडा की कार्यकारी संस्था इरकान इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड कर रहा है| गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेलवे लाइन की मंजूरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी कुमार से मुलाकात की थी|
मंगलवार को कार्यकारी संगठन के जूलॉजिकल एंड अलाइनमेंट्स के इंजीनियरों ने टनकपुर पहुंचकर सर्वे का काम शुरू किया| इस दौरान पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने भी सहयोग किया। उल्लेखनीय है कि 154.58 किलोमीटर नई बड़ी लाइन टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को मंजूरी मिलने के बाद 28.95 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल चुकी है|
शारदा नदी के किनारे बागेश्वर तक रेल लाइन बिछाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें 80 फीसदी टनल पूर्णागिरी के थुलीगढ़ इलाके से बनाई जाएगी| चूंकि यह रेलवे लाइन चीन और नेपाल सीमा के पास है। इसलिए इससे व्यावसायिक रूप से काफी लाभ होगा। रेलवे लाइन बनने से क्षेत्र में विकास कार्यों में तेजी आएगी और लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।