कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आखिरकार गुरुवार को परेड ग्राउंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने राजधानी देहरादून पहुंचे। यहां उन्होंने जनरल बिपिन रावत को देश के लिए उनकी सेवाओं के लिए श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राहुल गांधी ने पूर्व सैनिकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। रैली में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और उन्होंने उत्तराखंड और उनके परिवार के रिश्तों की बात की|
पहले उन्होंने बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के अन्य जवानों के निधन पर शोक व्यक्त किया। राहुल ने अपनी यादें साझा करते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तो दून स्कूल में पढ़ता था। मैं यहां आपके साथ दो या तीन साल तक रहा। उस समय आपने मुझे बहुत प्यार दिया। उन्होंने कहा कि शायद मेरे परिवार और उत्तराखंड के बीच गहरा रिश्ता है। आज यहां आकर मुझे वो दिन याद आया जब 31 अक्टूबर को मेरी दादी इस देश के लिए शहीद हुई थीं। मुझे 21 मई का दिन याद आ गया, जब मेरे पिता इस देश के लिए शहीद हो गए थे। आपके और मेरे बीच बलिदान का रिश्ता है। जिसे उत्तराखंड के हजारों परिवारों ने कुर्बानी दी है। मेरे परिवार ने भी ऐसा ही बलिदान दिया है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है वे इस रिश्ते को बखूबी समझेंगे। जो सेना में हैं वे इसे गहराई से समझेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आज देश को टुकड़ों में बांटा जा रहा है, कमजोर किया जा रहा है। एक भाई की दूसरे भाई से लड़ाई चल रही है। दो-तीन पूंजीपतियों के लिए पूरी सरकार चलाई जा रही है। किसानों को खत्म करने के लिए काले कानून बनाए गए, मदद के लिए नहीं। किसान घबराया नहीं और पीछे नहीं हटा। जिसके बाद एक साल बाद प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर कहते दिखे कि गलती हो गई है, मैं माफी मांगता हूं. शहीद हुए करीब 700 किसान, भाजपा नेता सदन में कहते हैं कि किसी की जान नहीं गई।
नोटबंदी के बाद गलत जीएसटी लगाया तो कोरोना काल में भारत के सबसे बड़े उद्योगपति को टैक्स माफ किया, लेकिन मजदूरों को बस या ट्रेन का टिकट नहीं दिया। नोटबंदी हो या जीएसटी या कोरोना में सरकार की कार्रवाई… भारत के किसानों और छोटे कारोबारियों पर कुछ बड़े पूंजीपतियों के हमले।
कहा कि ऐसा मत सोचो कि भारत मजबूत हो रहा है। हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, तोप देश को मजबूत नहीं करते। देश तभी मजबूत होता है जब देश के नागरिक मजबूत होते हैं। जब देश में लोग बिना किसी डर के बोल सकते हैं, तो वह मजबूत हो जाता है। बांग्लादेश युद्ध के समय देश मजबूत था। सेना और सरकार के बीच मजबूत संबंध थे। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत थी। इसलिए 13 दिनों में पाकिस्तान को हरा दिया। आज वह समय नहीं है।