पहले के समय में लड़िकियो की शादी की काफी जल्दी की जाती थी जैसे की 9 या 12 साल की उम्र में लेकिन अब देश में जो कानून है उसके मुताबिक देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है और लड़कों की 21 साल लेकिन अब शायद हो सकता है की आने वाले समय में ये कानून बदल जाए जिसमें महिलाओं और लड़को की उम्र 21 साल हो जाए दरअसल ऐसे प्रस्ताव को कैबिनेट मंत्रियों ने मंजूरी देदी है यानि की देश में अब लड़के और लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो जाएगी।
2020 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर एक प्लान बताया था वैसे आज जो लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है उसके पीछे भी एक लम्बी कहानी है लेकिन लड़कियों की शादी की उम्र हमेशा से ही 18 साल नहीं थी शादी की उम्र का सिलसिला 12 साल से शुरू हुआ और अब ये उम्र 21 साल तक पहुंच चुकी है लेकिन आखिर ये कानून क्यों बनाया गया देश की जनसँख्या जब पहले से ही घट रही है तो ऐसे कानून बनाने का क्या मतलब।
आपको बता दे की न्यूतम उम्र बाल विवाह और बच्चो के शोषण को रोकने के लिए तय की जाती है अब सवाल ये उठता है की सरकार ने आखिर ये फैसला लिया तो लिया क्यों 15 अगस्त 2020 के मौके पर प्रधान मंत्री ने अपने भाषण में इसका ज़िक्र किया था और लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने की बात भी कही गयी थी इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक टास्क फ़ोर्स बनाया जिसमे समिति पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को अध्यक्ष बनाया साथमे निति आयोग के सदस्य वि के पॉल को शामिल किया गया इस टास्क फ़ोर्स में कुल 10 सदस्य है लेकिन टास्क फ़ोर्स का गठन था की जो छोटी उम्र में माँ बनने पर दिक्कते आ रही थी और मातृ मृत्यु दर कम करने और पोषण स्तर पर सुधर कैसे किया जाए इस लिए किया गया था।
टास्क फ़ोर्स का स्तर ये है की लड़की अगर एटीएम निर्भर बनती है तो माँ पिता भी लड़की की जल्दी शादी करने से पहले कई बार सोचेंगे ये कानून अगर बन आता है तो क्या सभी धर्मो पर लागू होगा ये सबसे बड़ा सवाल है रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट के मंत्रियों की मंजूरी मिलने का बाद विवाह निषेद अदिनीहर 2006 में संशोधन कानून लाएगी इसके साथ ही स्पेशल मैरिज एक्ट और पर्सनल लॉ में संसोधन करेगी।