आज बात करे तो हर परिवार कर ये सपना होता है की उनका बीटा बड़े होकर कोई अफसर बन जाए इसके लिए लोग कड़ी म्हणत करते है लेकिंन क्या संसाधनों के आभाव में और संघर्ष सील जीवन जीते हुए भी इस सपने को पूरा किया जा सकता है आईएएस बनने का फार्मूला क्या होता है क्या अच्छे स्कूल में पड़ना होता है क्या अंग्रेजी में पड़ना होता है क्या महंगी कोचिंग क्लासेज अटेंड करनी होती है क्या महंगी किताबे पड़नी होती है कोई भी बच्चा आईएएस कैसे बन सकता है।
आज तो इस सवाल का सबसे बड़ा उद्धरण है भारत के सबसे कठिन परीक्षा मिसे एक UPSC के पेपर जिमे हरियाणा के प्रदीप सिंह ने टॉप किया है जोकि पहले नंबर पर आये है प्रदीप सिंह हरियाणा के सोनी पैट के रहने वाले है और उन्होंने UPSC की परीक्षा में पहेली रैंक हासिल की है लेकिन बेहद साधारण परिवार के होने की वजा से प्रदीप की ये उपलब्धि असाधारण है।
क्योकि देश की सबसे कठिन परीक्षा में पहेली रैंक हासिल करना सबसे कठिन होता है प्रदीप के लिए भी ये आसान नहीं था क्योकि इससे पहले साल प्रदीप की रैंकिंग UPSC के पेपर में 260 थी उन्होंने फिर से कोशिश की और इस बार उनकी रैंकिंग 260 से बड़ कर 1 हो गयी इसी तरह से दिल्ली के जतिन किशोर और उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर की प्रतिब है वर्मा ने इस परीक्षा में दूसरा और तीसरा स्थान ग्रहण किया।
सबसे बड़ी ब्बात ये है की सबसे बच्चे उस परिवार से आते है जिन्होंने साधारण परिवार से होकर लम्बा संघर्ष किया है UPSC की परीक्षा में जीत हासिल करने वाले ये लोग न तो किसी खास जाती से आते है और ना ही किसी खास परिवार से आते है ना ही ये बड़े बड़े स्कूलों में पड़े है और ना ही इन्होने मोटो फीस लेकर कोचिंग ली है ये नए भारत का सन्देश देने वाले युवा है क्योकि ये न तो जाता और ना ही धरम के सहारे आगे नहीं बढ़ते बल्कि ये संघर्ष करते है।
ये लोग चमत्कार में विश्वास नहीं बल्कि संघर्ष में विश्वास करते है इनका मानना है की कुछ भी ऐसा नहीं है जो आप पा नहीं सकते इनका मानना है की इस परीक्षा में नियम बहुत जरूरी है आप चाहे 6 घंटे पड़े लेकिन नियन रूप से पढाई करे।
